Monday, July 12, 2010

क्यों की जाती है, सबसे पहले पूजा "श्री गणेश जी" की

श्री गणेश की पूजा सबसे पहले क्यों की जाती है, इस संबंध में बहुत रोचक कथा प्रचलित है। एक बार भगवान शिव के समक्ष गणेश और कार्तिकेय दोनों भाइयों के बीच इस बात को लेकर विवाद हो गया कि दोनों में बडा कौन है। यह सुनकर भगवान शिव ने कहा कि जो अपने वाहन के साथ सबसे पहले समस्त ब्रह्मांड की परिक्रमा करके मेरे पास लौट आएगा वही बडा माना जाएगा। यह सुनते ही भगवान कार्तिकेय अपने वाहन मोर पर सवार ब्रह्मांड की परिक्रमा के लिए निकल पडे। लेकिन भगवान गणेश ने अपने वाहन चूहे पर बैठ कर माता-पिता की परिक्रमा की और सबसे पहले उनके सामने हाथ जोडकर खडे हो गए। उन्होंने कहा कि मेरी परिक्रमा पूरी हो गई क्योंकि मेरा संसार मेरे माता-पिता में ही निहित है। बालक गणेश का यह बुद्धिमत्तापूर्ण उत्तर सुनकर भगवान शिव इतने प्रसन्न हुए कि उन्हें प्रथम पूज्य होने का वरदान दिया। श्री गणेश जी केवल भारत में ही नहीं बल्कि जावा, बर्मा (म्यांमार), चीन, जापान, तिब्बत, श्रीलंका, थाइलैंड आदि देशों में भी विभिन्न नामों से पूजनीय हैं ।स्कंद पुराण के अनुसार भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश का अवतार हुआ था। इसीलिए इस दिन हर्षोल्लास के साथ गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है और दस दिनों के बाद अनंत चतुदर्शी के दिन धूमधाम के साथ गणपति का विसर्जन किया जाता है। दीपावली के अवसर पर भारत एवं कई अन्य देशों में हिंदू-धर्मावलंबी परिवारों में महालक्ष्मी जी और भगवान श्रीगणेश का पूजन होता है। महालक्ष्मी धन की देवी हैं। श्रीगणेश सभी विघ्नों के नाशक और सुबुद्धि प्रदान करने वाले हैं। इसीलिए देवी लक्ष्मी के साथ हमेशा गणेश की भी पूजा की जाती है। गणेश जी ऐसे देवता हैं, जिनकी पूजा-अर्चना हिंदू परिवारों के प्रत्येक धार्मिक आयोजनों में सबसे पहले की जाती है। गणेश जी की उत्पति और इनके प्रथम पूज्य होने के संबंध में विभिन्न पुराणों में अलग-अलग कथाएं मिलती हैं।