Sunday, July 11, 2010

माँ दंतेश्वरी ,दंतेवाड़ा बस्तर छत्तीसगढ़

बस्तर को यदि देवी-देवताओं की भूमि कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। यहाँ के हर गाँव के अपने देवी-देवता हैं। हर गाँव में “देव गुड़ी” होती है, जहाँ किसी न किसी देवी-देवता का निवास होता है। लकड़ी की पालकी में सिंदूर से सने और रंग बिरंगी फूलों की माला से सजे विभिन्न आकृतियों वाली आकर्षक मूर्तियाँ प्रत्येक देव गुड़ी में देखने को मिल जायेगी। ये यहाँ के गाँवों के आस्था के केंद्र हैं। सम्पूर्ण बस्तर की अधिष्ठात्री दंतेश्वरी देवी हैं जो यहाँ के काकतीय वंशीय राजाओं की कुलदेवी है। इन्हें शक्ति का प्रतीक माना जाता है और शंखिनी डंकनी नदी के बीच में दंतेश्वरी देवी का भव्य मंदिर है। भारत के शक्तिपीठों में एक दंतेवाड़ा में शक्ति का दांत गिरने के कारण यहाँ की देवी दंतेश्वरी देवी के नाम से प्रतिष्ठित हुई, ऐसा विश्वास किया जाता है। देवी के नाम पर दंतेवाड़ा नगर बसाया गया जो आज दंतेवाड़ा जिला का मुख्यालय है।