Wednesday, April 13, 2011

श्री हनुमान जयंती



प्रत्येक मास की पूर्णिमा को चन्द्र देव के लिये जो व्रत किया जाता है, वह पूर्णिमा व्रत कहलाता है. चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि के दिन राम भक्त हनुमान जी की जयंती होने के कारण, यह पूर्णिमा अन्य सभी पूर्णिमाओं से अधिक शुभ मानी गई है। 18 अप्रैल 2011 में श्री हनुमान जी का जन्म दिवस मनाया जायेगा। इसके अतिरिक्त जब पूर्णिमा तिथि के दिन चित्रा नक्षत्र हों, तो तरह-तरह की वस्तुओं को दान करने का विधान है। हनुमान जी के भक्तों को यह एक अच्छा अवसर मिला है पुण्य अर्जित करने - हनुमत भक्ति करने का बधाइयाँ - शुभकामनाएं ।
हिन्दू पंचांग के अनुसार हनुमान जयंती प्रतिवर्ष चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है।मान्यता है कि इसी पावन दिवस को भगवान राम की सेवा करने के उद्येश्य से भगवान शंकर के ग्यारहवें रूद्र ने वानरराज केसरी और अंजना के घर पुत्र रूप में जन्म लिया था। यह त्यौहार पूरे भारतवर्ष में श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाई जाती है. भक्तों की मन्नत पूर्ण करनेवाले पवनपुत्र हनुमान के जन्मोत्सव पर इनकी पूजा का बड़ा महातम्य होता है। आस्थावान भक्तों का मानना है कि यदि कोई श्रद्धापूर्वक केसरीनंदन की पूजा करता है तो प्रभु उसके सभी अनिष्टों को दूर कर देते हैं और उसे सब प्रकार से सुख, समृद्धि और एश्वर्य प्रदान करते हैं। इस दिन हनुमानजी की पूजा में तेल और लाल सिंदूर चढ़ाने का विधान है। हनुमान जयंती पर कई जगह श्रद्धालुओं द्वारा झांकियां निकाली जाती है, जिसमें उनके जीवन चरित्र का नाटकीय प्रारूप प्रस्तुत किया जाता है। यदि कोई इस दिन हनुमानजी की पूजा करता है तो वह शनि के प्रकोप से बचा रहता है । जय हनुमान कृपा निधान , कीजिये कल्याण ॥