Sunday, April 10, 2011

आज है कुलदेवी की पूजा का विशेष महत्व

चंद्रिका देवी जी  .  बक्सर ,उत्तर प्रदेश       
     चैत्र में आने वाले नवरात्र में अपने कुल देवी-देवताओं की पूजा का विशेष प्रावधान माना गया है। इस नवरात्र को कुल देवी-देवताओं के पूजन की दृष्टि से विशेष मानते है क्योंकि यह नवरात्र हिन्दू कैलेण्डर के प्रथम दिन से शुरू होती है। इसलिए इस नवरात्र को बड़े नवरात्र भी कहा जाता है। नवरात्र के नौ दिनों में माता के पूजन का विशेष महत्व माना गया है।दूर्गा सप्तशती के अनुसार माता ने ऐसा आर्र्शीवाद दिया था कि जो भी अष्टमी और नवमी पर मेरी महापूजा करेगा। उसके कुल में हमेशा धनधान्य  और समृद्धि के साथ मैं उसके कुल की स्वयं रक्षा करूंगी। ऐसी मान्यता है कि हर कुल की एक देवी होती हैं और कहा जाता है कि कुल देवी पूरे कुल की रक्षा करती है। नवरात्र के नौ दिनों में अष्टमी और नवमी को माता के पूजन का विशेष महत्व है। इसलिए कुल देवी का पूजन भी इन दो तिथियों को ही किया जाता है। कहते हैं कि चैत्र नवरात्र में कुलदेवी का पूजन इसीलिए किया जाता है ताकि पूरे साल कुल में हर्षोउल्लास और खुशी का माहौल रहे और कुल में जिस भी बच्चे का जन्म हो वह अपने कुल का नाम रोशन करे। इसीलिए हिन्दू समाज की लगभग हर जाति में नवरात्र में अधिकांशत: कुलदेवी का विशेष मन्त्र जप व अनुष्ठान किया जाता है।